प्रश्नपत्र पैटर्न में बड़ा बदलाव क्यों?
बोर्ड अधिकारियों के अनुसार, शिक्षा की गुणवत्ता मजबूत करने और भविष्य की शिक्षा प्रणाली के अनुरूप छात्रों को तैयार करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। HOTS आधारित प्रश्न यह जांचेंगे कि विद्यार्थी ने विषय को समझकर पढ़ा है या सिर्फ रटकर।
इन प्रश्नों के माध्यम से छात्रों की—
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विश्लेषण क्षमता
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निर्णय लेने की योग्यता
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तार्किक सोच
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समस्या-समाधान कौशल
का परीक्षण किया जाएगा।
क्या है हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल (HOTS)?
HOTS यानी हाई ऑर्डर थिंकिंग स्किल ऐसी क्षमताएँ हैं जो छात्रों को साधारण याददाश्त से ऊपर उठकर सोचने के लिए प्रेरित करती हैं। इस श्रेणी में आने वाले प्रश्न छात्रों को—
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नए तरीकों से सोचने,
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विचारों को जोड़ने,
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वास्तविक उदाहरणों पर ज्ञान लागू करने,
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और जटिल समस्याओं का समाधान खोजने
के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं में होगा फायदा
विशेषज्ञों का मानना है कि HOTS प्रश्नों को शामिल किए जाने से छात्रों की तैयारी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मजबूत होगी। इंटरमीडिएट के बाद चाहे छात्रों का लक्ष्य किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त करना हो, यह पैटर्न उनके लिए उपयोगी साबित होगा।
बोर्ड ने शुरू की तैयारियाँ
अपर सचिव, उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड, बृजमोहन रावत के अनुसार, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों स्तरों पर प्रश्नपत्रों में 20% HOTS प्रश्न शामिल किए जाएंगे। इसके लिए बोर्ड ने प्रारंभिक तैयारियाँ शुरू कर दी हैं और जल्द ही अंतिम स्वरूप तय कर लिया जाएगा।













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