ब्यूरो न्यूज़ उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट
उत्तराखंड के कई पर्वतीय क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां आज भी सरकार द्वारा यातायात की किसी भी तरह की सुविधा नहीं हैं,ना वहां बस हैं ना शहर की तरह ऑटो इन्हें ही दुर्गम क्षेत्र कहा जाता है।
ऐसा ही एक दुर्गम इलाकों में एक हैं बागेश्वर जनपद का शामा लीती गोगिना कीमूं आदि गांव यहां के ग्रामीणों के लिए सरकार द्वारा किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं की गई हैं,इन दुर्गम इलाकों के लोगों के लिए पदम दानू और नरेंद्र भाई की गाड़ी की रेलगाड़ी हैं जो प्रतिदिन सुबह बागेश्वर से निकलती है और कपकोट के अंतिम गांव गोगीना जहां तक सड़क जाती हैं वहां पहुंचती हैं और फिर उसी बड़े बड़े पत्थरों वाले रास्ते से पुनः बागेश्वर की ओर।
पदम दानू आज नहीं बल्कि दो दशक से इस रास्ते पर प्रतिदिन यात्रा करते आ रहें हैं,गांव में बच्चा बच्चा उन्हें पदम भाई करके बुलाता हैं,2 मोड दूर से पदम भाई की गाड़ी का हॉर्न सुनते ही ग्रामीण पहाड़ की पगडंडियों पर दौड़ते हुए सड़क पर पहुंच जाते हैं।
पदन भाई भी अब इन ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आम जन के परिवार का एक सदस्य बन चुके हैं,पिछले 6 वर्षों से प्रतिवर्ष पदम भाई ने भी राज्य सरकार की ही तरह रक्षाबंधन पर बागेश्वर से गोगिना जाने वाली सभी बहनों के लिए यात्रा निशुल्क रखने की मुहिम चलाई हुई हैं,असल में पदम भाई की गाड़ी इन ग्रामीणों के लिए रेलगाड़ी हैं और रक्षाबंधन पर उपहार भी
आज भी उत्तराखंड के पहाड़ में कुछ ऐसी कहानियां मिलती हैं जो वाकई रोचक होती हैं और इन कहानियों में पहाड़ के प्रति समर्पण और प्रेम भी कूट कूट के भरा होता हैं,यहीं असल मानवता है।
उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट की पूरी टीम पदम भाई को इस नेक कार्य के लिए बधाई देती हैं और आप आगे भी यूं ही गांव वालों का सहारा बनें ये प्रार्थना करते हैं,क्योंकि हम जानते हैं हमारे पर्वतीय राज्य की सरकार पहाड़ों पर रहने वाले वाशिंदों के प्रति कितनी गंभीर हैं और यह भी जानते हैं वह रास्ता आज भी अधिकारियों की लापरवाही के कारण कितनी बुरी स्तिथि में हैं।