पीएनबी एफडी दरें 2024 : देश के सबसे बड़े बैंकों में से एक पंजाब नेशनल बैंक यानी पीएनबी ने नए साल में अपने ग्राहकों को बड़ी खुशखबरी दी है। बैंक ने 2 करोड़ रुपये से कम के चुनिंदा एफडी जमा योजना पर ब्याज दर 50 आधार अंक या 0.50 फीसदी बढ़ा दी है। नई ब्याज दरें 1 जनवरी, 2024 को लागू हो गयी है।
इन अवधि की एफडी पर बढ़ा ब्याज दर :
बैंक के वेबसाइट पर दी गयी जानकारी के अनुसार बैंक ने 180 से 270 दिन की अवधि वाली एफडी पर ब्याज दर 5.5 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी कर दी है। बैंक ने 271 दिन से लेकर एक साल से कम अवधि वाली एफडी पर ब्याज दर 0.45 फीसदी बढ़ाकर 6.25 फीसदी कर दी है। पहले यह ब्याज दर 5.80 फीसदी थी। वहीं बैंक ने 400 दिन की एफडी पर ब्याज दर 6.80 फीसदी से बढ़ाकर 7.25 फीसदी कर दी है। जबकि बैंक ने 444 दिनों की एफडी पर ब्याज दर घटा दिया है। इस अवधि के लिए पहले 7.35 फीसदी ब्याजदर मिलता था जिसे घटा कर 6.80 फीसदी कर दी गयी है।
बैंक द्वारा वरिष्ठ नागरिकों को 4 प्रतिशत से लेकर 7.75 प्रतिशत तक का ब्याज दिया जा रहा है। वहीं, अति वरिष्ठ नागरिकों को 4.3 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 8.05 प्रतिशत तक का ब्याज निवेशकों को बैंक द्वारा दिया जा रहा है।
एफडी से मिलने वाले ब्याज पर भी देना होता है टैक्स:
एफडी से अर्जित ब्याज पूरी तरह से कर योग्य है। एक साल में आप अपनी एफडी पर जो भी ब्याज कमाते हैं वह आपकी वार्षिक आय में जुड़ जाता है। आपकी कुल आय के आधार पर ही आपके टैक्स स्लैब को निर्धारित किया जाता है। एफडी पर अर्जित ब्याज आय को “अन्य स्रोतों से हुआ आय” माना जाता है।
अगर आपकी कुल आय 2.5 लाख रुपये सालाना से कम है तो बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर टीडीएस नहीं काटता है। हालांकि ऐसा करने के लिए आपको फॉर्म 15G या 15H दाखिल करना होगा। ऐसे में अगर आप टीडीएस बरकरार रखना चाहते हैं तो फॉर्म 15जी या 15एच दाखिल करना सुनिश्चित करें।
यदि सभी एफडी से आपकी ब्याज आय 40,000 रुपये प्रति वर्ष से कम है, तो कोई टीडीएस नहीं कटेगा। वहीं, अगर आपकी ब्याज आय 40,000 रुपये से अधिक है, तो 10% टीडीएस काटा जाएगा। याद रखें पैन कार्ड नहीं रहने पर बैंक 20% टीडीएस काट सकता है।
बता दें कि टीडीएस कटौती की यह सीमा 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए है। इसके अलावा 60 साल से अधिक उम्र के पेंशनभोगियों की एफडी से 50 हजार रुपये तक की आय पर कर नहीं लगता है। यदि आय इस राशि से अधिक है, तो इन लोगों से भी 10% टीडीएस काटा जाता है।
यदि बैंक ने आपकी एफडी ब्याज आय से टीडीएस काट लिया है और आपकी कुल आय आयकर के अधीन नहीं है, तो आप अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय काटे गए टीडीएस का दावा कर सकते हैं। यह राशि आपके खाते में जमा कर दी जाएगी।