आज देश में भाई बहनों का पर्व रक्षाबंधन हैं,लेकिन जो देश के हालात हैं उसपर आज भाई क्या कहते हैं वह ज्यादा जरूरी नहीं बल्कि आज के दिन बहनें क्या सोच रही यह जरूरी हैं,प्रत्येक बहन आज जब भाई की कलाई में राखी बांध रही होगी तो भाई बहन के मन में एक सवाल हैं क्या कल मेरी बहन सुरक्षित रहेगी,बहन चिंता में हैं राखी बांधकर वापस ससुराल निकलना हैं जल्दी निकलना पड़ेगा वरना बाहर का जो वातावरण हैं वह हम बहनों के लिए सुरक्षित कहा हैं।
प्रतिदिन कहीं ना कहीं एक बहन को नोचे जाने का समय चल रहा है और इस बीच कई जगह तो अपराधियों को चुनी सरकारों का संरक्षण भी साफ नजर आता हैं।
लंबे समय से लिखते आ रहीं हूं देशभर के विभिन्न मुद्दों को,सरकार को,हर योजना को,हर उस नारे को जिनका प्रयोग नेतागण चुनाव के बीच सजे बड़े बड़े मंचो से करते हैं,भारत में तीसरी बार मोदी सरकार चुनी गई हैं दो बार बहुमत तो इस बार सहयोगी दलों के सहारे ही मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बनें हैं।
मोदी सरकार के कई नारे हैं जिनके विज्ञापन में सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती हैं, उसमें से एक नारा हैं *बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ* लेकिन मेरी कलम की नजर में मोदी सरकार के नारों में यह सबसे विफल नारा हैं,आज देश के अंदर बेटी बहन मां कोई भी सुरक्षित नहीं हैं ऐसे में लगातार चाहे वह कोलकाता हो दिल्ली महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश राजस्थान या देवभूमि उत्तराखंड हर जगह दरिंदों द्वारा बहनों को नोचा जा रहा हैं,भाई सड़को पर आते तो हैं लेकिन मैं यह भी समझती हूं हमारे भाइयों के हाथ सरकार ने संविधान को बेड़ियों से जगड़े हुए हैं ऐसे में भाई सिर्फ धरना प्रदर्शन आंदोलन को मजबूर हैं।
मुझे और मेरा मानना हैं भारत की प्रत्येक बहन को अपने भाई पर विश्वाश हैं यदि सरकार हम बहनों को सुरक्षा नहीं दे सकती तो हमारे भाईयो के हाथों को स्वतंत्र कर दें वह हमारी सुरक्षा कर लेंगे,सरकार की जिम्मेदारी भी खत्म हो जाएगी।
सिर्फ़ यहीं नहीं देश में जो दरिंदे बहनों को नोचने के बाद गिरफ्तार हो रहें हैं अगर सरकार उन्हें संविधान की आड़ में न पाले और फांसी पर लटका दें तो शायद हम बहनों के शरीर से की जा रहीं यातनाएं कुछ कम हो,और यदि सरकार यहां भी खुद को कमजोर समझे तो स्पष्ट कहें हम अपने भाइयों को आदेश करेंगे और देश में एक भी दरिंदा जिंदा नहीं रहेगा।
और यह तो कलयुग हैं हम बहनों के साथ जिस युग में भी यातना हुई रक्षा के लिए भाई हमेशा साथ आया हैं,उदाहरण महाभारत से लीजिए जब भरी सभा में मंत्री संत्री राजाओं के मध्य द्रोपदी का चीर हरण हुआ तो स्वयं उनके पति मुंह लटकाएं निल्लज खड़े थे,द्रोपदी ने अपनी अस्मिता लुटते देख अपने भाई कान्हा को आवाज लगाई तब भाई कृष्ण ने वहां पहुंच लाज बचाई।
मेरी कलम रक्षा बंधन पर सरकार से निवेदन करती हैं बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे पर करोड़ों रुपए फूंकना बंद करें इससे देश के खजाने को बर्बादी हो रही हैं इससे बेहतर हैं हमें हथियार ला कर दे दें।
महिला सुरक्षा के मामले में भारत के नागरिकों द्वारा चुनी मोदी सरकार विफल हैं यह कहना अतिशयोक्ति नहीं हैं।
अजीब से डर के बीच आप सभी को रक्षा बंधन पर्व की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।