रिपोर्ट: सोनिया
प्रथम अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर की अदालत ने वर्ष 2017 में ग्राम फौजी मटकोटा में पुरानी रंजिश के चलते युवक की गोली मारकर हत्या करने के मामले में तीनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास और पांच-पांच हज़ार रुपये के जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने बताया कि रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम फौजी मटकोटा निवासी राकेश कुमार पुत्र चंद्रपाल सिंह ने 30 सितंबर 2017 को मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि 29 सितंबर को रात करीब 8 बजे वह अपने बड़े भाई अतेनदर पाल सिंह और चचेरे भाई संजीव पाल सिंह के साथ स्कूटी से अपनी ़फर्नीचर की दुकान पर जा रहे थे। फौजी मटकोटा मोड़ पर कोल्हू के पास पहले से हथियारों से लैस विनीत पुत्र छत्रपाल, वीरे पुत्र हुसनलाल और डम्पी धामा पुत्र कुंवर पाल ने रोककर पिस्तौल व तमंचे से फायरिंग शुरू कर दी। तीनों जान बचाने के लिए गांव की तरफ भागे तो तीनों ने पीछा कर अतेनदर पाल को पकड़ कर ज़मीन पर लिटा लिया और उसके सिर में गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने तीनों के विरुद्ध हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज कर अभियुक्तों की तलाश शुरू कर दी। 2 अक्तूबर 2017 को विनीत और वीरे को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर तमंचे बरामद कर उनको जेल भेज दिया था। पुलिस ने दोनों के ही विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया था।
मुकदमा प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर की अदालत में चला। इसमें सहायक ज़िला शासकीय अधिवक्ता दीपक अरोरा ने 14 गवाह पेश किए। गवाही के दौरान डम्पी धामा का नाम हत्या करने वालों में शामिल होने के कारण कोर्ट ने धारा 319 के तहत तलब किया। कोर्ट ने तीनों को अतेनदर पाल सिंह की हत्या करने का दोषी माना। इसके बाद प्रथम अपर ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सुशील तोमर ने गुरुवार दोपहर खुली अदालत में तीनों अभियुक्तों को धारा 302/34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और पांच-पांच हज़ार रुपये जुर्माने, विनीत और वीरे को धारा 25 शस्त्रत्त् अधिनियम के तहत एक-एक वर्ष के कठोर कारावास और एक-एक हज़ार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।