इनसाइड स्टोरी : गुप्ता बंधुओं को त्रिवेंद्र सरकार ने दिलाई थी जेड श्रेणी की सुरक्षा। एंट्री बैन होती तो साहनी होते जिंदा।
बिल्डर साहनी की आत्महत्या के मामले में गिरफ्तार हुए गुप्ता बंधुओं को त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने शपथ लेने के नब्बे दिन से पहले ही जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी थी।
18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और इसके ठीक बाद 16 जून 2017 को गुप्ता बंधुओं को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी थी। इससे पहले कांग्रेस सरकार में उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी। इसको त्रिवेंद्र सरकार ने अपग्रेड कर दिया।
जेड श्रेणी की सुरक्षा के बारे में तत्कालीन प्रमुख सचिव गृह आनंद वर्धन ने कहा था कि गुप्ता बंधु सुरक्षा का खर्चा खुद उठाते हैं। जब उनसे पूछा गया था कि गुप्ता बंधुओं को जेड श्रेणी की सुरक्षा कैसे मिली तो इस पर उन्होंने कहा था कि उन्होंने उत्तराखंड सरकार को पत्र लिखकर उत्तराखंड में रहने के दौरान सुरक्षा की मांग की थी। जांच समिति और खुफिया एजेंसियों के इनपुट के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपनी संस्तुति दे दी थी।
जेड श्रेणी में यह थी सुरक्षा
दो पीएसओ (उप निरीक्षक रैंक)
एस्कॉर्ट में एक हेड कांस्टेबल दो कांस्टेबल चालक
एक चार की गार्द एक हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल।
उत्तराखंड सरकार द्वारा इतनी भारी सुरक्षा दिए जाने के चलते उनके अवैध कारनामों पर भी निगाहे जाना आसान नहीं था। यहां तक कि उनके देहरादून में कर्जन रोड स्थित कोठी में सुरक्षा कर्मियों को भी अंदर जाने की इजाजत नहीं थी।
केंद्र सरकार ने नियम कायदों को तोड़कर औली में शाही अंदाज में उनके बेटे की शादी कराने को लेकर काफी आलोचना भी सहन की थी। शादी में कचरा फैलाने पर जोशीमठ नगर पालिका ने उन पर ढाई लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
तत्कालीन त्रिवेंद्र सरकार के एक कैबिनेट मंत्री भी गुप्ता बंधुओं के काफी करीबी थे।
दक्षिण अफ्रीका से इनके खिलाफ वारंट जारी होने के बावजूद उत्तराखंड के औली में गुप्ता बंधुओं के बेटे की शाही शादी करने को लेकर त्रिवेंद्र सरकार पर काफी सवाल भी उठे थे।
इससे पहले उनके परिवार की एक और शादी जब दक्षिण अफ्रीका में हुई तो वहां पर तत्कालीन राष्ट्रपति जैकब जुमा पर भी काफी सवाल खड़े हुए थे। शादी के लिए 200 मेहमानों के साथ वायु सेना अड्डे पर जब वर्ष 2013 में उनका जेट एयरवेज उतरा था तो दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय सुरक्षा का उल्लंघन हुआ था। इस पर काफी आलोचना तत्कालीन राष्ट्रपति को सहनी पड़ी थी।
अमेरिका , ब्रिटेन मे एंट्री बैन , उत्तराखंड मे रेड कार्पेट
दक्षिण अफ्रीका के भ्रष्टाचार को देखते हुए ब्रिटेन और अमेरिका में उनकी एंट्री प्रतिबंधित कर दी थी, लेकिन त्रिवेंद्र सरकार ने उनको सर आंखों पर बिठाया।
गुप्ता बंधु इससे पहले भी दुबई में गिरफ्तार हो चुके हैं। जैकब जुमा पर मुकदमे के बाद उनके खिलाफ भी फरवरी वर्ष 2018 वारंट जारी किए गए थे लेकिन इसके बाद भी त्रिवेंद्र सरकार ने इनको सर आंखों पर बिठाए रखा।
यदि तभी खुद को जीरो टॉलरेंस कहने वाली सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी होती तो आज एक बिल्डर को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती।