विजय वात्सल्य हत्याकांड की धीमी जांच से तंग आकर भारत सरकार के पूर्व गृह सचिव कमल टावरी उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं के साथ आज जिलाधकारी सोनिका सिंह से मिले और विस्तार से अपना आक्रोश जाहिर करते हुए उनके माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन भी प्रेषित किया।
उत्तराखंड क्रांति दल ने इसकी जांच एसआईटी या सीबीआई से कराने की मांग की।
पूर्व गृह सचिव कमल टावरी ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि देहरादून सीनियर सिटीजन के लिहाज से बहुत खतरनाक शहर में तब्दील होता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि संपत्ति के लिए भूमाफिया यहां पर हत्याएं कर रहे हैं और इनका गठजोड़ पुलिस प्रशासन से लेकर नेताओं से है, जिसके चलते कोई भी प्रभावशाली कार्यवाही नहीं हो पा रही है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि 15 दिन बाद भी धारा 302 के अंतर्गत दर्ज मुकदमे में कोई कार्यवाही अभी तक नहीं हो पाई है। उत्तराखंड क्रांति दल ने अभियुक्तों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।
शिष्टमंडल से बातचीत करने के बाद जिलाधिकारी ने एसएसपी दिलीप सिंह से फोन पर बात की और इस मामले में कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले को खुद भी अपने स्तर पर देखेंगे और ज्ञापन भी तत्काल राज्यपाल को भेज दिया जाएगा।
मृतक विजय वात्सल्य की पिता प्रमोद कुमार वात्सल्य ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि न्याय के लिए 84 साल की उम्र में उन्हें अपने बेटे के हत्यारों को सजा दिलाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
हत्यारों की ऊंची पहुंच के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। जिलाधिकारी से मुलाकात करने वालों में पूर्व गृह सचिव कमल टावरी, उत्तराखंड क्रांति दल की केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल, केंद्रीय महिला प्रकोष्ठ की उपाध्यक्ष उत्तरा पंत बहुगुणा, उपाध्यक्ष सुनील ध्यानी, सोशल एक्टिविस्ट तथा अपने परिवार के संस्थापक पुरुषोत्तम भट्ट के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता रामकुमार रात्रि आदि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता तथा समाजसेवी संगठनों के लोग उपस्थित थे।