राजनीति : क्षेत्रीय दलों ने मिलकर बनाया अलायंस यूकेडी शामिल नहीं, आज दोपहर प्रत्याशियों की घोषणा संभव
उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट ब्यूरो देहरादून
उत्तराखंड में इस लोकसभा चुनाव के लिए स्थानीय पार्टियों ने मिलकर उत्तराखंड रीजनल पार्टी अलायंस ( यूआरपीए) खड़ा कर दिया है,जो प्रदेश की पांचों सीटों पर दावेदारी करेगा।
अलायंस में राष्ट्रीय लोक दल(रालोद) को छोड़कर बाकी छह पार्टियां स्थानीय हैं,जो स्थानीय मुद्दों को लेकर ही जनता के बीच जाएंगी,यूआरपीए की मौजूदगी इंडिया गठबंधन के लिए चुनौती बन सकती है।
छह महीने पहले उत्तराखंड क्रांति दल(उक्रांद) से टूटकर बनी राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी यूआरपीए के केंद्र में है,पार्टी की कोशिशों के बाद ही स्थानीय दल एकजुट हुए हैं,रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि उत्तराखंड आंदोलन के बाद प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस ने राज किया,दोनों ही पार्टियां आम लोगों की उन समस्याओं का समाधान नहीं कर पाई,जिसके लिए राज्य बना था।
उन्होंने बताया कि आम लोगों की पीड़ा और समस्याओं को स्थानीय दल ही समझ सकते है,लिहाजा, रीजनल पार्टी ने कुछ दलों को मिलकर उत्तराखंड रीजनल पार्टी अलायंस बनाया है। हालंकि अभी प्रत्याशी घोषित नही हुए है,अब देखना ये होगा की किस लोकसभा सीट से अलायंस किस प्रत्याशी को घोषित करती है और किस किस सीट पर समर्थन देती है।
यूआरपीए गठबंधन की पार्टियां
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी, उत्तराखंड प्रगतिशील पार्टी, उत्तराखंड विकास पार्टी, हिमालय क्रांति पार्टी, उत्तराखंड जन समर्थन पार्टी, राष्ट्रीय लोक दल।
जल्दी ही तय होंगे उम्मीदवार
सेमवाल ने बताया कि यूआरपीए की बुधवार को देहरादून में बैठक होनी हैं। इसमें लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर विचार विमर्श किया जाएगा,इसके साथ ही चुनाव के लिए रणनीति पर भी मंथन होगा।
कुछ सीटों पर उक्रांद को दे सकते है समर्थन
यूआरपीए में शामिल राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी दोनों उत्तराखंड क्रांति दल से ही निकली हैं,हालांकि उक्रांद गठबंधन में शामिल नहीं है,लेकिन सेमवाल ने कहा कि उक्रांद अनुरोध करेगा तो गठबंधन संभवत: एक या दो सीटों पर उक्रांद को समर्थन देने पर भी विचार कर सकता है।
लेकिन अंतिम निर्णय गठबंधन में शामिल दलों की सहमति से ही लिया जाएगा।
मूल निवास, भू-कानून के अलावा कई स्थानीय मुद्दे
यूआरपीए उत्तराखंड में मूल निवास और भू-कानून समेत कई स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाएगा। बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों से भी सत्ता में रही पार्टियों को घेरने की तैयारी है,अलायंस का कहना है कि दिल्ली की पार्टियां उत्तराखंड की समस्याओं को नहीं सुलझा सकती, इसके लिए क्षेत्रीय दलों को ही देश की संसद मे अपनी बात रखनी होगी तथा उत्तराखंड मे सत्ता में आना होगा।
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