92 संस्थान संदेह के घेरे में, 17 पर गहरी नजर
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को 92 संदिग्ध कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों की सूची जांच के लिए भेजी थी। शासनादेश के बाद जिलाधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपा गया। अब तक की रिपोर्ट में 17 संस्थान गहरे संदेह के घेरे में पाए गए हैं, जिनकी जानकारी केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है।
SIT की हाई-लेवल मीटिंग, तीन दिन की डेडलाइन
पुलिस मुख्यालय में बुधवार को हुई उच्च स्तरीय बैठक में पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) ने देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल और रुद्रप्रयाग जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को स्पष्ट निर्देश दिए। उन्हें कहा गया है कि वे तीन दिन में प्राथमिक जांच पूरी कर विस्तृत रिपोर्ट SIT को सौंपें।
किन योजनाओं में हुआ फर्जीवाड़ा?
यह घोटाला केंद्र सरकार की तीन प्रमुख अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजनाओं में सामने आया है –
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प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
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पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना
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मैरिट-कम-मीन्स छात्रवृत्ति योजना
इन योजनाओं के तहत नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल (NSP) से सीधे DBT के जरिए छात्रों के बैंक खातों में पैसा भेजा जाता है। लेकिन वर्ष 2021-22 और 2022-23 में फर्जी दाखिले, झूठे दस्तावेज और फर्जी बैंक खातों के जरिए सरकारी धन की भारी हेराफेरी की गई।
आगे क्या होगा?
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फर्जी दाखिले और बैंक खातों की गहन जांच
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संदिग्ध संस्थानों की मान्यता रद्द करने की तैयारी
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दोषी संस्थानों, बिचौलियों और व्यक्तियों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज होंगे
👉 यह घोटाला न केवल सरकार की योजनाओं पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है। आने वाले दिनों में SIT की कार्रवाई से कई नामचीन संस्थानों की मुश्किलें बढ़ना तय है।
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