प्रदेश में कांग्रेस के साथ-साथ लालकुआं विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की करारी हार के बाद अब कांग्रेस के कार्यकर्ता समीक्षा बैठकों में जुटे हुए हैं। कांग्रेस और हरीश रावत की हार को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में गुटबाजी चरम पर है ।
जहां भाजपा सरकार बना चुकी है और पांचवा विधानसभा का पहला सत्र भी संपन्न कर चुकी है तो वही कांग्रेस अभी तक अपनी हार का ठेकरा फोड़े बैठी हुई है। हार पर समीक्षा करने के बजाए आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है।
कांग्रेस के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने अपने बयान में कहा कि कांग्रेस की हार और हरीश रावत की हार भीतरी गुटबाजी के कारण हुई है और जानबूझकर हरीश रावत को हराया गया है।
उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के लिए प्रभारी देवेंद्र यादव जिम्मेदार है। जो कि चुनाव के दौरान एक गुट विशेष को सहयोग कर रहे थे ।
बाहर से आए प्रदेश, जिला और विधानसभा प्रभारियों ने नेताओं की दूरियों को और बढ़ाया । और हरीश रावत को मुख्यमंत्री ना बनने देना इनका असल मकसद था। और पार्टी में इस तरह की चालबाजी करने वाले पर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए।