एक मां की मिसाल: 700 किलोमीटर का सफर तय कर रोज ऑफिस जाती हैं रेचल कौर, ताकि बच्चों के साथ रह सकें
दुनिया में मां का प्यार और त्याग सबसे बड़ा माना गया है। इस बात का जीता-जागता उदाहरण हैं रेचल कौर, जो दो बच्चों की मां हैं और अपने परिवार व करियर दोनों को पूरी निष्ठा से निभा रही हैं। रेचल कौर हर दिन 700 किलोमीटर का सफर तय करती हैं—वो भी प्लेन से—ताकि वह अपने बच्चों के साथ भी रह सकें और ऑफिस की ज़िम्मेदारियों को भी निभा सकें।
रोज सुबह 4 बजे उठकर शुरू होता है उनका संघर्ष
रेचल का दिन तड़के सुबह 4 बजे शुरू होता है। वह बिना थके हर दिन उठती हैं, और सुबह 5:55 की फ्लाइट पकड़ने के लिए तैयार हो जाती हैं। यह फ्लाइट उन्हें उस शहर ले जाती है जहाँ उनका ऑफिस है। सुबह 8 बजे तक वह ऑफिस पहुंच जाती हैं और पूरे समर्पण के साथ अपने काम में जुट जाती हैं।
ऑफिस से लौटकर बच्चों की मुस्कान का तोहफा
पूरा दिन ऑफिस में मेहनत करने के बाद, रेचल शाम को वापसी की फ्लाइट पकड़ती हैं और रात 8 बजे तक अपने घर वापस लौट आती हैं। उनकी सबसे बड़ी खुशी यह होती है कि उनके बच्चे उन्हें हर रात अपने सामने देखते हैं, उनके साथ समय बिताते हैं, और इसी से रेचल को अगली सुबह की हिम्मत मिलती है।
मां और प्रोफेशनल का अनोखा संतुलन
रेचल मानती हैं कि करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं होता, लेकिन यह लगन, समय प्रबंधन और ममता से संभव है। उनका मानना है कि महिलाएं अगर चाहें तो वे अपने प्रोफेशनल और पर्सनल दोनों जीवन में उत्कृष्टता हासिल कर सकती हैं।
रेचल कौर: हर वर्किंग मदर के लिए एक प्रेरणा
रेचल की कहानी सिर्फ एक दैनिक सफर नहीं, बल्कि एक मां के अडिग संकल्प की गवाही है। उनके इस समर्पण को देखकर समाज को यह समझना चाहिए कि एक मां सिर्फ एक भूमिका नहीं निभाती, बल्कि वह हर मोर्चे पर खड़ी रहती है।
एक ‘लाईक’ तो बनता है!
रेचल कौर जैसे उदाहरण आज के समाज में बहुत कम देखने को मिलते हैं। उनके संघर्ष, समर्पण, और मां होने की भावना को सलाम है। उनकी यह कहानी हर महिला, हर मां, और हर प्रोफेशनल को प्रेरणा देती है। ऐसे में, इस मां के जज्बे को सलाम करते हुए एक ‘लाईक’ तो बनता है।
नोट: क्या आप भी किसी ऐसी मां को जानते हैं जो अपने परिवार और करियर के बीच ऐसा ही संतुलन बना रही है? कमेंट सेक्शन में उनकी कहानी ज़रूर साझा करें।