- पुलिस के रोकने के बावजूद प्रदर्शनकारियों ने
- निकाला नशा विरोधी मार्च
- पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस, मुख्यममंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा
नशा विरोधी जन अभियान के तहत शनिवार को गांधी पार्क पर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की और पत्रकार योगेश डिमरी और उनके साथियों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने गांधी पार्क से घंटाघर तक मार्च भी निकाला। पुलिस ने अनुमति न होने के नाम पर मार्च को रोकने का प्रयास किया, लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस भी हुई। बाद में पुलिस ने रास्ता छोड़ दिया।
पुलिस ने पहले नशा विरोधी जन अभियान टीम को गांधी पार्क में प्रदर्शन न करने की बात कही थी। लेकिन टीम ने इसे मानने से इंकार कर दिया था। शनिवार को जब टीम के सदस्य व आम नागरिक गांधी पार्क पहुंचे तो वहां भारी पुलिस बल मौजूद था। नशा विरोधी प्रदर्शन कारीयों ने पहले गांधी पार्क के गेट पर प्रदर्शन किया फिर गांधी पार्क के अंदर गांधी जी की प्रतिमा के नीचे पहुंचे और जनगीत गाकर और नारे लगाकर प्रदर्शन किया।
इस मौके पर वक्ताओं ने ड्रग्स और अवैध शराब की तस्करी पर चिन्ता जताई। संचालन करते हुए त्रिलोचन भट्ट ने कहा कि हमें हिन्दू-मुस्लिम के विवाद में उलझाकर हमारे बच्चों को नशे में झोंका जा रहा है। यह पहाड़ को बर्बाद करके यहां की जमीनों पर कब्जा करने का षडयंत्र है।
बैंक यूनियन पूर्व अध्यक्ष जगमोहन मेहंदीरत्ता ने कहा कि नशे के बढ़ते चलन को यहीं नहीं रोका गया तो स्थिति बेहद खराब हो जाएगी।
नशे को लेकर लगातार स्कूली बच्चों की काउंसिलिंग कर रहे मुकुल शर्मा ने इस अभियान को एक बहुत अच्छी पहल बताया।
गढ़वाल सभा के अध्यक्ष रोशन लाल धस्मान ने गढ़वाल सभा का अभियान को पूर्ण समर्थन की बात कही , सरस्वती विहार विकास समिति के कैलाश तिवारी ने भी लोगों से अपने बच्चों को नशे से दूर रखने के लिए कहा।
प्रदर्शनकारियों ने मौके पर ज्ञापन लेने पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।
उत्तराखंड महिला मंच की कमला पंत ने ज्ञापन पढ़कर सुनाया। ज्ञापन में सूखे नशे – ड्रग्स के v शराब तस्करों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और इसे उत्तराखंड लाने पर पूरी तरह से रोक लगाने, ़ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे धार्मिक नगरों में अवैध शराब की तस्करी तत्काल बंद करवाने, ऋषिकेश के पत्रकार योगेश डिमरी जिन पर नशा तस्करों ने जानलेवा हमला किया और उनके साथियों पर दर्ज मुकदमें तत्काल वापस लेने और ग्रॉसरी के नाम पर शराब की दुकाने खोलने का सिलसिला बंद करने की मांग की गई है।
इस मौके पर सीओ डालनवाला ने भी अपनी बात रखी और इस अभियान से जुड़े लोगों को थाना स्तर पर बनने वाली नशा विरोधी कमेटियों ने शामिल करने का आश्वासन दिया।
इसके बाद प्रदर्शनकारी घंटाघर तक मार्च करने निकले, लेकिन पुलिस ने गांधी पार्क का गेट बाहर से बंद कर दिया। इस पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई और प्रदर्शनकारियों ने जबरन गेट खोल दिया। प्रदर्शनकारी घंटाघर स्थित अंबेडकर पार्क तक मार्च करने निकले तो पुलिस ने फिर रोक दिया। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की नहीं सुनी और आगे बढ़ गये। अंबेडकर चौक पर उत्तराखंड इंसानियत मंच के डॉ. रवि चोपड़ा ने लोगों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस अभियान से जुड़ें और बच्चों को नशे से दूर रखने में मदद करें।
प्रदर्शन में उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट, उषा भट्ट , विमला सीमा नेगी, नसीमा ,शकुंतला गुसाईं, विजय नैथानी, पद्मा गुप्ता, , शांति सेमवाल, करुणा, रेखा डंगवाल, हेमलता नेगी, सरोज नेगी, भुवनेश्वरी कठैत, सहित दर्जनों महिलाएं शामिल थी। भूकानून मूल निवास आंदोलन के मोहित डिमरी, लुशून टोडरिया, आशुतोष कोठारी, सुरेंद्र नेगी शुरी के साथ ही , ग्रीन दून की जया सिंह , सहसपुर से ग्राम प्रधान सुन्दर थापा , पूर्व शिक्षा निदेशक नंद नंदन पांडे, वरिष्ठ आंदोलनकरी ओमी उनियाल, गढ़वाल सभा सचिव गजेंद्र भंडारी , परमजीत कक्कड़ , समीर रतूड़ी, advocate जितेन्द्र गुप्ता, राजीव मिश्रा, पूर्व प्रधानाचार्य अरुण तिवारी, सुरेश, भारत ग्यान विज्ञान समिति के विजय भट्ट व कमलेश खंतवाल , जन संबाद के सतीश धौला खण्डि , धीरज सिंह नेगी, सुधीर बडोला, पियूष, मनीष केडियाल तुषार रावत , धाध के तोता राम dhondiyal ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया।