दरअसल, 22 अगस्त को कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से कांग्रेस विधायकों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इसी दौरान जब हरक सिंह रावत को माला पहनाई जा रही थी तो उन्होंने पहनने से इंकार करते हुए ऐलान किया–
“हरक सिंह रावत माला तब पहनेगा, जब बीजेपी की अंत्येष्टि कर देगा।”
बीजेपी पर करारे हमले
सम्मान समारोह में उन्होंने बीजेपी पर तीखे प्रहार किए और कहा कि उन्होंने पहले ही खनन फंडिंग को लेकर भाजपा के दामन पर दाग लगा दिए हैं। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि अगर उन्हें और छेड़ा गया तो वे ऐसे दाग लगाएंगे, जिन्हें किसी भी वॉशिंग मशीन में नहीं धुला जा सकेगा।
हरक सिंह रावत ने तंज कसते हुए कहा–
“मैं कोर्ट क्यों जाऊं? मैंने बीजेपी पर दाग लगा दिए हैं। उसे धोने का काम बीजेपी को ही करना है। अगर ज्यादा छेड़ा गया तो ऐसे दाग लगाऊंगा जो न ईडी, न सीबीआई और न ही कोई वॉशिंग मशीन धो पाएगी।”
नेताओं के ‘कच्चे चिट्ठे’ खोलने की धमकी
पूर्व मंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि उनके पास उत्तराखंड के सभी भाजपा नेताओं की फाइलें और कच्चे चिट्ठे मौजूद हैं। बगैर नाम लिए उन्होंने इशारा किया कि किसे कितनी तनख्वाह मिलती थी और किसका ठेकेदारी का कारोबार था, ये सब दस्तावेज उनके पास सुरक्षित हैं।
महेंद्र भट्ट पर भी निशाना
कांग्रेस नेता ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट पर भी व्यक्तिगत तौर पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि जब वे यूपी सरकार में मंत्री थे, उस समय महेंद्र भट्ट ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के पास पीसीओ चलाते थे। उस दौर में उन्होंने भट्ट का हौसला बढ़ाया और आज वही पीसीओ संचालक भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद बन गया।
रावत ने कहा–
“महेंद्र भट्ट मेरा छोटा भाई है। बुरे समय में मैंने उसका मनोबल बढ़ाया था। लेकिन अगर उन्होंने ज्यादा बोला, तो याद रखें कि अभी मैंने सिर्फ तोप के गोले दागे हैं, मेरे पास मुख्यमंत्री से लेकर बड़े नेताओं तक की फाइलें हैं।”
लोकतंत्र की लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से
कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि बीजेपी सत्ता में रहते हुए राज्य आंदोलन के शहीदों – हंसा धनाई और बेलमती चौहान के सपनों को साकार करे। लोकतंत्र की लड़ाई केवल लोकतांत्रिक तरीके से लड़ी जा सकती है, न कि ईडी, सीबीआई और पुलिस के दम पर।
उनका कहना था–
“मैं कफन बांधकर राजनीति करता हूं। बुलंद आवाज वही उठा सकता है, जिसके अंदर सच्चाई हो। बीजेपी को लोकतंत्र की लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से लड़नी चाहिए।”
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