1 मई यानि आज होगी डीपीसी विभाग के प्रमुख की कुर्सी की दौड़ में चार नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं, इनमें वरिष्ठता के क्रम में पीसीसीएफ अनूप मलिका का नाम सबसे ऊपर है।
वन विभाग में 30 अप्रैल को विभागीय प्रमुख विनोद कुमार सिंघल रिटायर हो गए इसके बाद हेड ऑफ फॉरेस्ट (हॉफ) की कुर्सी कौन संभालेगा, इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
शासन के सूत्रों की मानें तो इसके लिए एक मई को डीपीसी हो सकती है।विभाग के प्रमुख की कुर्सी की दौड़ में चार अफसर के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं,
इनमें वरिष्ठता के क्रम में पीसीसीएफ अनूप मलिका का नाम सबसे ऊपर है। वर्ष 1987 बैच के आईएफएस मलिक वर्तमान में मुख्य परियोजना निदेशक, उत्तराखंड वन संसाधन परियोजना (जायका) के पद पर तैनात हैं। दूसरा नाम वर्ष 1988 बैच के आईएफएस अधिकारी डॉ. धनन्जय मोहन का और तीसरा नाम इन्हीं के बैच के विजय कुमार है।
डॉ. धनन्जय मोहन इस समय वन पंचायत, जबकि विजय कुमार बैंबू बोर्ड की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।वरिष्ठता के क्रम में चौथा नाम वर्तमान पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ समीर सिन्हा का है, लेकिन इन्हें भी मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है। डॉ. सिन्हा वर्ष 1990 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं। इसके बाद एक और नाम इस सूची में पांचवें नंबर पर पीसीसीएफ केएम राव का भी था,
लेकिन शुक्रवार को ही शासन के निर्देश पर उन्हें उत्तराखंड वन विकास निगम की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। ऐसे में अब चार ही नाम दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं।
30 अप्रैल को तीन वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी रिटायर हो गए । इनमें पीसीसीएफ (हॉफ) रहे और वर्तमान में उत्तराखंड बाॅयो डायवर्सिटी बोर्ड के अध्यक्ष राजीव भरतरी, पीसीसीएफ (हॉफ) विनोद कुमार सिंघल और राज्य वन सेवा से आईएफएस बने विनोद कुमार का नाम शामिल है।
विनोद कुमार वर्तमान में टिहरी डिविजन का चार्ज संभाल रहे थे , जबकि इससे पहले वरिष्ठता के आधार पर दूसरे नंबर पर रही वर्ष 1987 बैच की आईएफएस अधिकारी ज्योत्सना सितलिंग 31 मार्च को रिटायर हो चुकी हैं।