देहरादून: असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट का नियुक्ति के बाद से ही मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया गया था। यहां तक कि उन्हें गर्भावस्था के दौरान भी छुट्टी के लिए परेशान किया गया। अवकाश न मिलने पर मनीषा ने आकस्मिक अवकाश लिया। इस बीच उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन उसकी भी मौत हो गई।
इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले में हटाए गए संस्थान के निदेशक डॉ. वाई सिंह और विभागाध्यक्ष एके गौतम पर कई गंभीर आरोप हैं। मनीषा के पति के शिकायत के आधार पर डीएम ने जो रिपोर्ट शासन को भेजी है, उसमें कई आरोप लगाए गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, मनीषा की नियुक्ति के बाद से ही उनका मानसिक उत्पीड़न शुरू कर दिया गया था। यहां तक कि उन्हें गर्भावस्था के दौरान भी छुट्टी के लिए परेशान किया गया। उन्हें बार-बार यह कहा जा रहा था कि प्रसव अवकाश तभी मंजूर होगा, जब वह वैकल्पिक प्रोफेसर की व्यवस्था कराएंगी। अवकाश न मिलने पर मनीषा ने आकस्मिक अवकाश लिया। इस बीच उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन उसकी भी मौत हो गई।
इस सदमे से उबर कर गत 12 मई को मनीषा ने संस्थान में उपस्थिति दर्ज कराई। कॉलेज पहुंचने पर उन्हें पता चला कि विभागाध्यक्ष ने उपस्थिति रजिस्टर से उनका नाम हटा दिया है। यहीं नहीं, आरोप है कि पदोन्नति के मामले में भी विभागाध्यक्ष ने कई बार के अनुरोध के बावजूद मनीषा की पदोन्नति की पत्रावली को आगे नहीं बढ़ाया गया। इन सबसे परेशान होकर मनीषा गत गुरुवार को अलकनंदा श्रीनगर नैथाणा झूल पुल से कूद गईं। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
निदेशक ने दबा दिया था छात्रा से छेड़छाड़ का मामला
डीएम पौड़ी ने शासन की भेजी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि विभागाध्यक्ष एके गौतम पहले गौतमबुद्ध विवि नोएडा में थे। वहां एक छात्रा से छेड़छाड़ की वजह से उन्हें निष्कासित कर दिया गया था। वर्ष 2014 में भी उन पर छेड़छाड़ का आरोप लगा था। जिसे निदेशक डॉ वाई सिंह ने दबा दिया था।
मुकदमा दर्ज, पुलिस ने जुटाए दस्तावेज
शासन की ओर से आदेश में कहा गया है कि निदेशक और विभागाध्यक्ष दोनों के खिलाफ महिला की आत्महत्या मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है। विधिक जांच चलने तक यह प्रभावित न हो इसे देखते हुए निदेशक डॉ. वाई सिंह को विपिन त्रिपाठी कुमाऊं प्रौद्योगिक संस्थान द्वाराहाट अल्मोड़ा व एके गौतम को नन्हीं परी सीमांत प्रौद्योगिकी संस्थान पिथौरागढ़ से संबद्ध किया गया है।
मनीषा के पति संदीप भट्ट ने इस संबंध में श्रीनगर में तहरीर दी थी। कोतवाल गोविंद कुमार ने बताया, एसएसआई महेश रावत मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस की टीम ने कॉलेज पहुंचकर मृतका को आवंटित आवास व कार्यालय का निरीक्षण कर जरूरी दस्तावेज कब्जे में लिए हैं।
परिसर में निकाला कैंडल मार्च
घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कालेज के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और कर्मचारियों ने मनीषा के परिजनों को न्याय की मांग को लेकर संस्थान परिसर में कैंडल मार्च निकाला। उन्होंने कहा मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
– मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सीओ सदर की निगरानी में जांच टीम गठित की गई है। टीम को प्रकरण के हर पहलू की गंभीरता से जांच के निर्देश दिए हैं। मामले में जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। – श्वेता चौबे, एसएसपी पौड़ी।
निदेशक व विभागाध्यक्ष बोले, पारिवारिक कारणों से की आत्महत्या
मनीषा की आत्महत्या के बाद प्रो. वाई सिंह और प्रो. एके गौतम ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा, मनीषा ने पारिवारिक कारणों से आत्महत्या की है। प्रकरण से ध्यान हटाने के लिए आरोप लगाए जा रहे हैं। फॉरेंसिक टीम को सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं।
छह माह से मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई है। जिस दिन उन्होंने अवकाश के लिए आवेदन किया था, उन्हें उसी दिन अवकाश दे दिया था। प्रमोशन के लिए उन्होंने आवेदन ही नहीं किया है। वहीं, प्रो. एके गौतम ने बताया मनीषा के पति भी संस्थान में सेवारत थे, उनकी नियुक्ति हाईकोर्ट के आदेश पर निलंबित हो चुकी है।