चार धाम यात्रा अपने जितने चरम पर है उतने ही चरम पर एक बड़े घोटाले के आरोप भी सामने आ रहे हैं। वही खबर केदारनाथ से सामने आ रही है। आरोप है कि रुद्रप्रयाग जिला पंचायत गदी सूल्क के नाम पर करोड़ों रुपए की वसूली कर रहे है।
आपको बता दे कि केदारनाथ (kedarnath) पैदल मार्ग पर चलने वाले घोड़े खच्चरो से एक ऐसी वसूली हो रही है जिसे गदी सूल्क का नाम दिया गया है। गदी सुल्क के नाम पर धड़ल्ले से चल रही इन लाखों रुपए की वसुली की खबर जब सामने आई तो कई चौकाने वाली बाते सामने आई है।
बाबा केदारनाथ धाम (kedarnath dham) में इस खेल के पीछे आखिर वो कौन लोग हैं जो राम नाम का चोला पहनकर इस वसूली को अंजाम दे रहे है।साथ ही आपको बता दे कि बाबा केदारनाथ नाथ (kedarnath) में हो रही अवैध वसूली का हिसाब किताब लाखों में नहीं बल्कि करोड़ों रुपए में बैठ रहा है।
आखिर ये गदी सुल्क है। क्या
गदी के नाम पर प्रत्येक दिन 80 रुपए की पर्ची कट रही है।वो आखिर क्यों कटी जा रही है।रुद्रप्रयाग का एक जिला पंचायत है। जिन्होंने यह व्यवस्था बनाई है।
जिसने घोड़े खच्चर वालो को एक गदी के रूप में एक 250 रुपए की कंबल दी जाती है।और प्रत्येक दिन प्रति घोड़े के हिसाब से 80 रुपए लिए जाते है। इस काम के लिए पहले से टेंडर बनाए जाते थे लेकिन इस बार जिला पंचायत ने करोड़ो का यह काम बिना टेंडर के ही अपने चहेते को दे दिया।
बताया जा रहा है की केदारनाथ के सेवा समिति के(Kedarnath seva samiti) नाम पर एक संस्था रजिस्टर्ड है जिसको यह काम सिर्फ अनुमोदन पर दिया गया है ये करोड़ों रुपए वसूली का एक खेल है।
दरअसल एक-एक दिन में केदारनाथ में 5000 घोड़े खच्चर चल रहे हैं अब आप जब गुना भाग करेंगे तो आपको पता चलेगा कि प्रत्येक दिन ही लगभग ₹400000 की वसूली गद्दी के नाम पर हो रही है जब घोड़ा संचालक से हुई है तो पता चला कि यहां बिना गदी दिए हुए धड़ल्ले से वसूली का खेल चल रहा है।
आपको बता दें कि गदी भी नहीं दी गई और जमकर करोड़ों की वसूली भी की जा रही है। हर दिन टेंडर के स्वामी यहां से चार लाख की कमाई कर रहे हैं।
यानी 1 महीने में 1,2000000 की कमाई की जा रही है। इस गद्दी की कीमत आप सुनकर और भी ज्यादा चौक जाएंगे जो गद्दी घोड़े खच्चरो को दी जाती है उसकी कीमत 2 से ढाई सौ के बीच में है जिस के रूप में एक कंबल होता है और इस गति के रूप में प्रत्येक दिन घोड़े खच्चर वालों से ₹80 वसूले जाते हैं
टेंडर मालिक ने कमाई का एक ऐसा संसाधन बना लिया है जिसमें आप घोड़े खच्चर वालों को 200 रुपए का कंबल देंगे और हर दिन उनसे ₹80 ले लेंगे इस हिसाब से यह पूरी गदी 6 महीने में एक घोड़े वाले को ₹14400 की पड़ रही है।
साथ ही आपको बता दे कि केदारनाथ धाम में यात्रा के लिए 8000 घोड़े खच्चर रजिस्टर्ड हैं। अब यह गादी 6 महीने में 11 करोड़ 52 लाख रुपए की पड़ रही है।यह करोड़ों रुपए की एक ऐसी वसूली जिसे करीब घोड़े खच्चर वालों से वसूला जाता है वही जिनको यह काम दिया गया है उनको बिना टेंडर के ही जिला पंचायत ने करोड़ों का यह काम बिना शर्तों के अपने चहेतों को दिया है। जब ऊपर बड़े-बड़े अफसरों तक सेटिंग गेटिंग होती है तो टेंडर का क्या
इस संबंध में शिशुपाल सिंह (shishupal Singh) ने देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर एक पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने अवैध रूप से करोड़ों की वसूली की जा रही के बारे में विस्तार से लिखा है जिला पंचायत रुद्रप्रयाग ने केदारनाथ यात्रा के लिए लगभग 8000 घोड़े खच्चर का पंजीकरण किया है वही प्रतिदिन ₹80 की वसूली के हिसाब से 6 महीने में करोड़ों रुपए की वसूली हो होती है।बात होने पर जिला पंचायत अधिकारी भी घबराए हुए नजर आए उन्होंने कहा कि इस समय, समय कम होने के वजह से टेंडर नहीं हो पाया है। और सीडीओ के अनुमोदन पर उन्होंने यहां काम केदारनाथ सेवा समिति को दे दिया है उन्होंने कहा कि अगली बार इसका टेंडर करेंगे।
अब आपको बता दे कि यह बात समझ में नहीं आई कि आखिर जब यात्रा की तैयारी 6 महीने पहले से चल रही थी तो टेंडर के लिए समय इनके पास कम कैसे पड़ गया अब देखना यह होगा कि केदारनाथ यात्रा में अवैध करोड़ों की वसूली पर कार्रवाई होती है।या नहीं या फिर बाबा केदारनाथ के धाम पर यूं ही अवैध वसूली चलती रहेगी।