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देहरादून:- उत्तराखंड पंचायत चुनाव में अब एक बड़ा विवाद सामने आ गया है। डबल वोटर आईडी रखने वाले प्रत्याशियों को लेकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। याचिकाकर्ता शक्ति बर्त्वाल ने राज्य निर्वाचन आयोग को 500 ऐसे उम्मीदवारों की सूची सौंपी है, जिनके नाम दो अलग-अलग वोटर लिस्टों में शामिल हैं।
बर्त्वाल का कहना है कि पंचायती राज अधिनियम के अनुसार दोहरी वोटर आईडी रखने वाला कोई भी व्यक्ति चुनाव लड़ने का पात्र नहीं होता। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि यदि आयोग ने इस पर एक्शन नहीं लिया, तो वे हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करेंगे।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया:
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा है कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है और आयोग कोर्ट के निर्देशों का पालन करेगा। फिलहाल आयोग की ओर से कोई भी निर्देश रिटर्निंग ऑफिसर्स को नहीं भेजे गए हैं।
हाईकोर्ट का रुख:
इससे पहले हाईकोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया था, लेकिन बाद में स्टे हटाते हुए चुनाव की अनुमति दी गई। अब अगली सुनवाई अगस्त में होनी है।
क्यों है मामला महत्वपूर्ण?
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डबल वोटर आईडी रखने वाले प्रत्याशी अगर चुनाव जीतते हैं, तो भविष्य में उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई हो सकती है।
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इससे पूरे चुनाव की वैधता पर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।
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आम जनता और प्रत्याशियों दोनों में इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
फिलहाल क्या हो रहा है?
राज्य में 12 जिलों में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया जारी है। आयोग हाईकोर्ट के आदेशों की प्रतीक्षा कर रहा है। लेकिन यह स्पष्ट है कि डबल वोटर आईडी रखने वाले प्रत्याशियों पर तुरंत कोई कार्रवाई संभव नहीं लग रही।
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