उत्तराखंड में अस्पतालों की ओर से जमकर फर्जीवाड़े किए जा रहे हैं। मात्र 13 जिले और 5 संसदीय सीट वाले इस छोटे से राज्य को शुरुआत से ही भ्रष्टाचार की दीमक लग गई थी।
उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पतालों की तरफ से 3016 दावे फर्जी पाए गए हैं। दूसरे नंबर पर झारखंड है झारखंड में 3767 दावे फर्जी पाए गए , जबकि छत्तीसगढ़ में अस्पतालों ने 8586 फर्जी दावे किए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,फर्जीवाड़े में पकड़े जाने पर अस्पतालों से केवल फर्जीवाड़े की रकम काट ली जाती है अथवा उन्हें रिकवरी के लिए कह दिया जाता है।
आपको बता दे कि फर्जीवाड़े की धाराओं में कभी भी इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता। यही कारण है कि उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के अंतर्गत फर्जीवाड़ा बढ़ता जा रहा है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (ए बी पी एम जे ए वाई) के तहत फर्जीवाड़े पर दंडात्मक कार्यवाही की जानी चाहिए लेकिन ऐसी कोई कार्यवाही होती नहीं।
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती के अनुसार पंजाब फर्जीवाड़े को लेकर चौथे नंबर पर है। यहां पर 2065 दावे फर्जी पाए गए तथा मध्य प्रदेश में 503 और केरल में 159 दावे अस्पतालों ने फर्जी किए। बिहार में 140 दावों के खिलाफ कार्यवाही की गई।
आपको बता दे कि,आयुष्मान योजना के अंतर्गत फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों के खिलाफ उत्तराखंड की सरकारों ने कोई कार्यवाही नहीं की।