हल्द्वानी/कोटाबाग – उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को नई रफ्तार देने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) कोटाबाग तक ड्रोन के माध्यम से सफलतापूर्वक मेडिकल सामग्री भेजी गई। यह डेमोन्स्ट्रेशन न सिर्फ तकनीकी सफलता का प्रतीक है, बल्कि प्रदेश के दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
ड्रोन ने लगभग 40 किलोमीटर की दूरी को कुछ ही मिनटों में तय कर 5 किलोग्राम मेडिकल सामग्री को सुरक्षित और सफलतापूर्वक गंतव्य तक पहुंचाया। यह पहल राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के मार्गदर्शन में की गई, जिनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवाओं में निरंतर नवाचार हो रहे हैं।
प्रोजेक्ट ‘ड्रोन दीदी’ से जुड़ी यह पहल भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य है सुदूरवर्ती और दुर्गम क्षेत्रों तक समय पर जरूरी दवाइयां, ब्लड सैंपल, रिपोर्ट और अन्य चिकित्सा सामग्री पहुंचाना। इस तकनीक से न सिर्फ आपातकालीन सेवाएं सशक्त होंगी, बल्कि जीवन रक्षा की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा. अरूण जोशी ने बताया कि इस ड्रोन सेवा के माध्यम से 3 से 5 किलोग्राम तक की मेडिकल सामग्री को सुरक्षित रूप से भेजा जा सकता है। उन्होंने कहा, “भविष्य में योजना है कि जिन क्षेत्रों में परिवहन की सुविधा नहीं है, वहां ड्रोन के माध्यम से ब्लड, आवश्यक दवाइयां और रिपोर्ट भेजने का कार्य नियमित रूप से किया जाए। इससे दूरस्थ क्षेत्रों में इलाज की प्रक्रिया तेज और सुगम हो जाएगी।”
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस उपलब्धि पर कहा,
“प्रदेश में आम जन को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। हल्द्वानी से कोटाबाग तक ड्रोन सेवा का सफल परीक्षण इसी दिशा में एक बड़ा कदम है। आपातकालीन स्थिति में यह सेवा बेहद कारगर सिद्ध होगी।”
ड्रोन तकनीक के माध्यम से भविष्य में ब्लड सेंपल की जांच के लिए उन्हें मेडिकल कॉलेज भेजना और जांच रिपोर्ट लौटाना भी आसान होगा। सरकार का लक्ष्य है कि इस सेवा को जल्द से जल्द नियमित किया जाए ताकि राज्य के हर नागरिक को समय पर इलाज मिल सके।