रिपोर्ट : कार्तिक उपाध्याय
चुनाव के दौरान क्या-क्या उठापटक हो जाए,कुछ नहीं कहा जा सकता,पल-पल खबर बदलती है और बदलते हैं नेताओं के राजनीतिक दल।
जल्द ही लोकसभा चुनाव की आदर्श आचार संहिता लागु होनी है और चुनावी रण का बिगुल पहले ही बज चुका है,ऐसे में उत्तराखंड कांग्रेस की लोकसभा चुनाव के समुद्र में नाव डगमगाती नजर आ रही है कारण हैं लगातार कांग्रेस पार्टी का अंदरूनी मामला,कलह और इस्तीफे।
आज प्रातः कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व को फिर एक झटका लगा है और लगातार यह झटके चुनावी माहौल के दौरान लग रहे हैं जिन्हें सहन करना कांग्रेस पार्टी के लिए आसान नहीं।
आज प्रातः ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के गरीबी माने जाने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता,पूर्व दर्जा राज्य मंत्री एवं कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव गोपाल सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है।
उनका कहना है कि भव्य राम मंदिर की स्थापना,कश्मीर से धारा 370 हटाना और अन्य कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे प्रत्येक नागरिक भारत का जुड़ा हुआ है एवं प्रभावित हुआ है,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान देश में नागरिक हितों में कई निर्णय लिए गए एल,साथ ही प्रदेश में युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लगातार किए जा रहे कार्य प्रभावित करते हैं यही कारण है कि गुरुवार सुबह गोपाल सिंह रावत ने अपना इस्तीफा कांग्रेस पार्टी एवं संगठन के सभी पदों से दे डाला।
एक तरफ पूरे देश में मोदी लहर जारी है,तो वहीं विपक्ष की मुख्य पार्टी कांग्रेस लगातार प्रयास तो करती नजर आ रही है कि वह लोकसभा 2024 के रण में कुछ ऐसा करें कि वह पुनर्जीवित नजर आए,लेकिन कांग्रेस पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता इस्तीफा दे रहे हैं तो अब ऐसा लगने लगा है कि इस लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की हालत कुछ बहुत ज्यादा बेहतर नहीं हो पाएगी।
उत्तराखंड ब्रॉडकास्ट के राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि गोपाल सिंह रावत जल्द ही प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित होकर अपने सैकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।
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