उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज के 27 छात्रों के साथ रैगिंग किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हल्द्वानी के सभी मेडिकल कॉलेजो में सी.सी.टी.वी.कैमरे लगाने के आदेश दिए है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आर.सी.खुल्बे की खण्डपीठ ने राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को शपथपत्र पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने कॉलेज प्रबंधन से पूछा है कि मामले में एफ.आई.आर.अज्ञातों के खिलाफ क्यों दर्ज की गई है, जवाब दें ? मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होनी तय हुई है।
मीडिया के अनुसार, हरिद्वार निवासी सचिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कालेज में 27 छात्रों का सिर मुड़वाकर कर उनके साथ रैगिंग की गई। उनके पीछे बाकायदा एक सुरक्षा गार्ड भी चल रहा है।
हालांकि, कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि उसके पास रैगिंग की कोई शिकायत नहीं आयी है। सुनवाई के दौरान याचिकर्ता के अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताया कि वायरल वीडियो में 27 छात्र एक लाइन में खड़े शर मुड़वाये हुए है और सभी के हाथ पीछे की और है एक गार्ड उनके पीछे तालिबानी स्टायल में खड़ा हुआ है। कहीं छात्र भाग न जाएं। रैगिंग करना सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देशों के विरुद्ध है।
समाचार पत्रों में छपी खबर व वायरल वीडियो में पता लगा कि यह सभी छात्र एम.बी.बी.एस.प्रथम वर्ष के छात्र हैं। प्रथम वर्ष के सभी स्टूडेंट्स को बाल कटवाने के निर्देश इनके सीनियरों ने दिए हैं। ये छात्र सीनियर साथियों के आदेश का पालन कर रहे हैं। इस मामले को रैंगिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। जहां तक छात्रों के बाल काटने का मामला है कालेज की तरफ से कहा जा रहा है कि छात्रों के सिर में डेंड्रफ और जुवे पड़ गए थे, इसलिए इनके बाल मुड़वा दिये। याचिकाकर्ता ने वायरल वीडियो को न्यायालय में दिखाया।