देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला का भव्य आयोजन आज से शुरू
देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला श्री गुरु राम राय दरबार साहिब में 86 फीट ऊंचे व 30 इंच मोटाई वाले झंडेजी के आरोहण के साथ आज से शुरू हुआ है इस पल के साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से पहुंची संगत से दरबार साहिब परिसर पैक हो गया है।
आपको बता दे की आज दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में झंडेजी का आरोहण हुआ। इस बार संसार सिंह पुत्र स्व. फतेह सिंह ग्राम शेखूपुर बाग, पोस्ट जारला, नवा शहर, पंजाब के परिवार को झंडेजी पर पवित्र दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
बता दे की हर वर्ष होली के पांचवें दिन दरबार साहिब में झंडेजी के आरोहण के साथ मेला शुरू होता है। 30 मार्च रामनवमी तक यह मेला चलता है बीते तीन-चार दिनों से उत्तराखंड के अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से संगत का दरबार साहिब पहुंचने का सिलसिला भी जारी है।
दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने संगतों को दर्शन देकर उन्हें गुरु महाराज के बताए रास्ते पर चलने का भी संदेश दिया।
बता दे की जिन्हे दर्शनी गिलाफ चढ़ाने का सौभाग्य मिला है। उनका कहना है कि उनके दादाजी ने तकरीबन 100 वर्ष पहले यह बुकिंग की थी। संसार सिंह के विदेश में होने के चलते उनके बेटे प्रेमदीप सिंह व परिवार इस रस्म को पूरा करने के लिए देहरादून पहुंचे हैं।
संसार सिंह व सुरजीत कौर ने तकरीबन 100 वर्ष पहले परिवार की सुख शांति के लिए बुकिंग कराई थी।
शुभ व आशीष का प्रतीक है दर्शनी गिलाफ
झंडेजी में तीन तरह के गिलाफ के आवरण में सबसे भीतर 41 सादे गिलाफ, मध्य भाग में 21 शनील के गिलाफ, जबकि सबसे बाहरी भाग में एक दर्शनी गिलाफ चढ़ाया जाता है। इसमें सबसे बाहरी आवरण का विशेष महत्व इसलिए भी है कि जो भी श्रद्धालु आते हैं, सबसे बाहरी आवरण पर ही नजर पड़ती है।
दर्शनी गिलाफ का अभिप्राय दर्शन से है, जो सबसे बाहरी आवरण होता है। यह सदियों से चला आ रहा है। दर्शनी गिलाफ ध्वजदंड पर सबसे ज्यादा खूबसूरत लगता है। इसे शुभ व आशीष का प्रतीक माना जाता है। मनोकामना पूर्ण के लिए लोग दर्शनी गिलाफ की बुकिंग कराते हैं। वर्ष 2125 तक के लिए दर्शनी गिलाफ की बुकिंग हो चुकी है।